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Osho “Lovers” Hate Osho’s Guidance

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NEWS RELEASE

For Immediate Release

Osho International Meditation Resort
March 20, 2023
We have been informed that people are being offered free food, accommodation, and transport to persuade them to attend a demonstration outside the OSHO International Meditation Resort on March 20 and 21st.

A few points about this protest:

Firstly, the prime motivation is that this offers the leaders of this protest an opportunity to display their long-standing animosity against the management team. In the past, these same people have invented endless rationalizations to provoke a rent-a-crowd phenomenon.
The latest excuses only serve to highlight just how far from Osho these people will go to display that resentment.

Today’s list of rationalizations:

1. Free access to Chang tzu where Osho ashes are kept under the bed as per his request.

They know well Osho’s guidance on the following:
That the ashes be placed under his bed in his new bedroom and that people can come and meditate there.
That Osho is clear that all meditations are to be paid for and he specifically says in a public talk: “People don’t value when they don’t pay for anything. And meditation is the ultimate, so people have to pay for it.”
That his bedroom is kept immaculately as he would wish, and every day since that time so many people do exactly as he says, and “meditate there.”
See 1. Backgrounder on Osho on Paying for Meditation

2. The date of this protest.

March 21st has been chosen by these people because they want to make Osho’s day of enlightenment a “holy” day to encourage their followers to attend. They are fully aware that Osho has specifically dropped these “special” celebration days. Attached is a complete account of Osho dropping them.
See 2. Backgrounder on Osho Dropping the Celebration Days

3. The Demand to wear malas:

Again at least the leaders of this protest know very well that Osho had dropped the mala long before leaving the body, with the final proviso that “If you must wear your mala, then at home in meditation only.”
It is hilarious that the leaders of this protest themselves never wore a mala in front of Osho after he returns to Pune in 1987!
These protesters even attended the Evening Meeting Meditation and heard an announcement from Osho about not wearing the mala in public!
After 1987, for more than 30 years they never wore or never spoke in public about wearing a mala until last February 2022.
You can confirm this from the videos in the attached pen drive.
These protesters are even on video attending an announcement from Osho about the wearing of the mala!
See 3. Backgrounder on Osho Dropping the Mala

4. The name of the campus!

The leaders of this protest are also aware that Osho has dropped the term “ashram” for this campus. One of the leaders worked on the OSHOTimes newspaper where this was announced on October 1st, 1989.
The reasons are obvious. Again, to create a sense of “religious” indignation amongst the uninformed crowd. They want to convey the absurdity that somehow the most revolutionary figure in recent history should be treated like a traditional “guru” – a concept he spent his whole life dismantling!
About such people and their attempts to create a religion, Osho has explained that this is the greatest risk to his work. And that one anchor of all religions is holy days.
Once you understand the minds of these people, it is easy to see this is really no more than yet another anti-Osho demonstration.

About Osho International Meditation Resort

Osho International Meditation Resort has the sole purpose of sharing Osho’s vision for living consciously.
The activities are run by public charitable trusts with an educational foundation.
The management team takes care of the campus and all the activities according to Osho’s specific guidelines.

Media Contact:

Amrit sadhana
Press & Media
[email protected]
+91-2066019940
www.osho.com
Attached Backgrounders:
1. Backgrounder on Osho on Paying for Meditation
2. Backgrounder on Osho Dropping the Celebration Days
3. Backgrounder on Osho Dropping the Mala

ओशो “प्रेमी” ओशो के मार्गदर्शन से रफ़रत करते हैं

समाचार विज्ञप्ति

तत्काल जारी करने के लिए

ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन रिज़ॉर्ट
20 मार्च 2023
हमें खबर मिली है कि 20 और 21 मार्च को ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन रिज़ॉर्ट के बाहर एक विरोध–प्रदर्शन में शामिल होने को राजी करने के लिए लोगों को मुफ्त भोजन, आवास और परिवहन की सुविधा दी जा रही है।

इस विरोध–प्रदर्शन के बारे में कुछ बातें:

पहली बात, यह विरोध इसके नेताओं को मैनेजमेंट टीम के खिलाफ लंबे समय से चलाए जा रहे वैमनश्य को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। अतीत में, इन्हीं लोगों ने किराये की भीड़ इकट्ठा करके लोगों को भड़काने के लिए अंतहीन व मनगढ़ंत बहानों का आविष्कार किया था।
इनके नवीनतम बहाने केवल यह उजागर करते हैं कि ये लोग उस वैमनश्यता को प्रदर्शित करने के लिए ओशो से कितनी दूर जा सकते हैं।

प्रदर्शन के बहानों की ताजा सूची:

1.च्वांगत्सु कक्ष में मुफ्त प्रवेश जहां ओशो की अस्थियों को उन्हींके अनुरोध के अनुसार उन्हींके बिस्तर के नीचे रखा गया है|

ये लोग निम्नलिखित के बारे में ओशो के मार्गदर्शन को अच्छी तरह जानते हैं:
कि अस्थियों को उनके नए शयनकक्ष में उनके बिस्तर के नीचे रखा जाए और लोग वहां आकर ध्यान करें|
कि ओशो ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी ध्यान के लिए पैसे देने होंगे; और वे विशेष रूप से एक सार्वजनिक वार्ता में कहते हैं: “जब लोग किसी चीज के लिए पैसों द्वारा भुगतान नहीं करते हैं तो वे उसका मूल्य नहीं करते हैं। और ध्यान परम है, इसलिए लोगों को इसकी कीमत चुकानी चाहिए।“
ओशो का शयनकक्ष बेदाग रूप से साफ–सुथरा रखा जाता है जैसा कि ओशो चाहते हैं और उनके आदेश अनुसार उस समय से हर दिन बहुत सारे लोग “वहां ध्यान करते हैं”।
देखें 1. ध्यान के लिए भुगतान पर ओशो की पृष्ठभूमि देखें

2.विरोध–प्रदर्शन की तारीख:

21 मार्च को इसलिए चुना है क्योंकि ये प्रदर्शनकारी ओशो के संबोधि दिवस को एक “पवित्र” दिन बनाना चाहते हैं ताकि भीड़ को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकें| वे पूरी तरह से जानते हैं कि ओशो ने उत्सव कहे जाने वाले इन तथाकथित “विशेष” दिनों को पूरी तरह से हटा दिया है। ओशो द्वारा उन्हें समाप्त किए जाने का पूरा विवरण यहां संलग्न है।
देखें 2. ओशो द्वारा उत्सव के दिनों की विदाई की पृष्ठभूमि–प्रदाता

3.माला पहनने की मांग:

कम से कम इस विरोध–प्रदर्शन के नेताओं को अच्छी तरह से पता है कि ओशो ने शरीर छोड़ने से बहुत पहले ही माला न पहनने का आदेश दिया था इस अंतिम प्रावधान के साथ कि “यदि आपको माला पहननी ही पहननी है, तो घर पर केवल ध्यान करते समय ही पहनिए।“
मजे की बात यह है कि अब विरोध कर रहे इन प्रदर्शनकारी नेताओं ने ओशो के 1987 में पुणे लौटने के बाद से उनके सामने कभी माला नहीं पहनी!
ये प्रदर्शनकारी इवनिंग मीटिंग मेडिटेशन में भी शामिल हुए हैं और सार्वजनिक रूप से माला न पहनने की ओशो से आई हुई घोषणा भी वहीं सुन चुके हैं|
1987 के बाद, 30 साल से भी अधिक समय तक फरवरी 2022 के पहले इन्होंने न कभी माला पहनी न कभी सार्वजनिक रूप से माला पहनने की बात की|
आप संलग्न पेन ड्राइव में वीडियो से इसकी पुष्टि कर सकते हैं।
ये प्रदर्शनकारी नेता ओशो द्वारा माला संबंधित एक घोषणा वाले वीडियो में भाग लेते हुए भी देखे जा सकते हैं!
देखें 3. ओशो द्वारा माला की विदाई की पृष्ठभूमि–प्रदाता

4. परिसर का नाम !

इन विरोध कर रहे नेताओं को यह भी पता है कि ओशो ने इस परिसर के लिए “आश्रम” शब्द को हटा दिया है। इन नेताओं में से एक ओशो की मासिक पत्रिका OSHOTimes में काम करते थे जिसमें यह 1 अक्टूबर 1989 को घोषित किया गया था।
कारण स्पष्ट हैं। तथ्यों से नावाकिफ भीड़ के बीच “धार्मिक” आक्रोश की भावना पैदा करना चाहते हैं| वे इस बेहूदगी को व्यक्त करना चाहते हैं कि हाल के इतिहास के सबसे क्रांतिकारी व्यक्ति को किसी भी कीमत पर एक पारंपरिक “गुरु” की तरह मान लिया जाए – एक ऐसी अवधारणा जिसे खंडित करने के लिए ओशो ने अपना सारा जीवन लगा दिया|
इस प्रकार के लोगों के बारे में और एक धर्म खड़ा करने की उनकी कोशिशों के बारे में ओशो ने समझाया है कि यह उनके कार्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है| और कि इस बाबत सभी धर्मों की एक खूंटी “पवित्र दिन” है|
एक बार जब आप इन लोगों की मानसिकता को समझ लेते हैं, तो यह देखना आसान हो जाता है कि यह वास्तव में एक और ओशो–विरोधी निम्नस्तरीय प्रदर्शन से ज्यादा कुछ नहीं है।

ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन रिज़ॉर्ट के बारे में

ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन रिज़ॉर्ट का एकमात्र उद्देश्य है: होशपूर्वक जीने के लिए ओशो के दृष्टिकोण को साझा करना। सभी गतिविधियों को सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्टों द्वारा एक शैक्षिक नींव के आधार पर चलाया जाता है।
ओशो के विशिष्ट दिशा–निर्देशों के अनुसार मैनेजमेंट टीम इस परिसर और यहां की सभी गतिविधियों का ध्यान रखती है।

मीडिया संपर्क

अमृत साधना
प्रेस और मीडिया
[email protected]
+91-2066019940
www.osho.com
संलग्न पृष्ठभूमि–प्रदाता:
1.ध्यान के लिए पेमेंट पर ओशो–दृष्टि की पृष्ठभूमि–प्रदाता
2.ओशो द्वारा उत्सव के दिनों की विदाई की पृष्ठभूमि–प्रदाता
3.ओशो द्वारा माला की विदाई की पृष्ठभूमि–प्रदाता

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The post Osho “Lovers” Hate Osho’s Guidance appeared first on OSHOTimes.

Blog Author
Anahad
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Osho News
Press Releases
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malas
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https://www.oshotimes.com/?p=42517
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