साधारण चाय का आनंद
क्षण-क्षण जीएं। तीन सप्ताह के लिए कोशिश करें कि जो भी आप कर रहे हैं, उसे जितनी समग्रता से कर सकें, करें। उसे प्रेम से करें और उसका आनंद लें। हो सकता है, यह मूर्खतापूर्ण लगे। यदि आप चाय पी रहे हैं, तो उसमें इतना आनंद लेना मूर्खतापूर्ण लगता है कि यह तो साधारण सी चाय है। लेकिन साधारण सी चाय भी असाधारण रूप से सौंदर्यपूर्ण हो सकती है, यदि हम उसका आनंद लें सकें तो वह एक गहन अनुभूति बन सकती है। गहन समादर से उसका आनंद लें उसे एक ध्यान बना लें- चाय बनाना, केतली की आवाज सुनना, फिर चाय उड़ेलना, उसकी सुगंध लेना, चाय का स्वाद लेना और ताजगी अनुभव करना।
मुर्दे चाय नहीं पी सकते। केवल अति-जीवंत व्यक्ति ही चाय पी सकते हैं। इस क्षण हम जीवित हैं! इस क्षण हम चाय का आनंद ले रहे हैं। धन्यवाद से भर जाएं और भविष्य की मत सोचें; अगला क्षण अपनी फिक्र खुद कर लेगा। कल की चिंता न लें- तीन सप्ताह के लिए वर्तमान में जीएं।
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