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हृदय शांति का स्रोत है

हृदय शांति का स्रोत है

हृदय स्वभावतः शांति का स्त्रोत है। यदि आप हृदय पर ध्यान करते हैं तो तो आप बस उस स्त्रोत पर लौट रहे हैं जो सदा है। यह कल्पना आपको इस बात के प्रति जागने में सहयोगी होगी कि हृदय शांति से भरा हुआ है। उसके लिए एक सरल ओशो ध्यान विधि:
आंखें बंद करके दस मिनट तक शांति से बैठें, ध्यान हृदय पर केंद्रित रहे, फिर आंखें खोलें। संसार बिलकुल अलग ही नजर आएगा, क्योंकि शांति आपकी आंखों से भी झलकेगी। और सारा दिन आपको अलग ही अनुभव होगा। न केवल आपको अलग अनुभव होगा, बल्कि आपको लगेगा कि लोग भी आपसे अलग तरह से व्यवहार कर रहे हैं। लोग अधिक प्रेमपूर्ण और अधिक विनम्र होंगे, कम बाधा डालेंगे, खुले होंगे, समीप होंगे। एक चुंबकत्व पैदा हो गया।
शांति एक चुंबक है। शांत व्यक्ति के चारों ओर एक छाया होती है। जब आप शांत होते हो तो लोग आपके अधिक निकट आते हैं, जब आप परेशान होते हैंे तो सब पीछे हटते हैं।शांति विकीरित होने लगती है, चारों ओर एक तरंग बन जाती है। तुम्हारे चारों ओर शांति के स्पंदन होते हैं और जो भी आता है तुम्हारे करीब होना चाहता है, जैसे तुम किसी वृक्ष की छाया के नीचे जाकर विश्राम करना चाहते हो।