सत्य प्रेम की कसौटी
Anand
Wed, 23/12/2020 - 13:24 pm
मेरे प्रिय,
प्रेम । सत्य के मार्ग में काँटे हैं---थोड़े नहीं, बहुत ।
लेकिन, उनमें ही सत्य प्रेम की परीक्षा भी है ।
सत्य के फूल जिन्हें पाना है, उन्हें कॉंटों से गुजरना ही पड़ता है ।
सत्य सस्ता नहीं है ।
कभी नहीं था, और कभी होगा भी नहीं ।
मूल्य चुकाओ---और घबड़ाओ नहीं ।
सूली के पार सिंहासन है ।
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रजनीश के प्रणाम
१४-१२-१९७०
[प्रति : श्री अखिलानन्द तिवारी, धनबाद, बिहार]
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