[{}ॐ{}]-“मन्त्रमूलं——गुरुर्वाक्यं”-[{}ॐ{}]
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17 जुलाई सन् 1933 को जन्मी, अोशो की सबसे
बड़ीदीदी, (ओशो से डेढ़ साल छोटी बहन) श्रीमती
रसा फौजदार, उर्फ मा योग भक्ति ने दि० 9 अप्रैल
2020 को होशंगाबाद में अपनी देह त्यागी। एक
दिन पहले ही उन्होंने सबको बतादिया था कि कल
मैं विदा हो जाऊँगी।
सक्रिय ध्यान विधि के बारे में एक पत्र ओशो ने उन्हें
लिखा था, जो यहाँ संलग्न है। यह सभी साधकों के
लिए उपयोगी होगा।
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प्यारी योग भक्ति !
प्रेम। तेरा पत्र। ध्यान तेरा ठीक दिशा में काम
कर रहा है। चिल्लाने—रोने की तबियत न हो तो
करना आवश्यक नहीं है।
“मैं कौन हूँ” इसे मन में भी पूछ सकती है। ध्यान
खड़े-बैठे या सोये कैसे भी किया जा सकता है।
जैसा तुझे अच्छा लगे।
जिनवर को प्रेम। बच्चों को आशीष। शेष शुभ।
(_____)
रजनीश के प्रणाम
22.07.1971
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