ध्यान के बीज से सत्य-जीवन का अंकुरण
osho
Wed, 23/12/2020 - 14:05 pm
परम प्रिय,
प्रेम । पत्र मिले हैं ।
धैर्य से समय की प्रतीक्षा करें ।
बीज बो दिये गये हैं, निश्चय ही समय पाकर
वे अंकुरित होंगे ।
अति जल्दी में हानि ही पहुँच सकती है ।
ध्यान के बीज से सत्य जीवन का
अंकुरण होगा ही ।
लेकिन, अत्यन्त प्रेमपूर्ण प्रतीक्षा
आवश्यक है ।
और, मैं निश्चिन्त हूँ, क्योंकि मैं जानता हूँ
कि आप अनन्त प्रतीक्षा के लिये भी समर्थ हैं ।
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रजनीश के प्रणाम
२-१२-१९६६
[प्रति : श्री आर० के० नन्दाणी, राजकोट]
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