अमृत वर्षा
Anand
Thu, 18/03/2021 - 11:11 am
अमृत वर्षा : धर्म की यात्रा
धार्मिक आदमी वह नहीं है जो मंदिर जाता हो, बल्कि वह है जो स्वयं मंदिर बन गया हो। और हर आदमी मंदिर बन सकता है। और तभी जीवन में वे किरणें उपलब्ध होती हैं जो आनंद की हैं, जो प्रेम की हैं, जो सौंदर्य की हैं। और तभी वह शांति मिलती है, जिसे उच्छेद करने की सामर्थ्य फिर किसी में भी नहीं है। और तभी वह संपदा उपलब्ध होती है, जिसे खोने का कोई उपाय नहीं है। और तभी मिलता है वह अमृत-जीवन, जिसकी कोई मृत्यु नहीं है। लेकिन उसके लिए भीतर की यात्रा करनी जरूरी है।
ओशो
Reviews
- Log in to post comments
- 28 views