चेति सकै तो चेति
चेति सकै तो चेति
संभोग से समाधि की ओर’ एक प्रवचनमाला—जिसने पूरे विश्व की सोच में हलन-चलन कर दिया—के समतल यदि किसी दूसरी पुस्तक का उल्लेख करना हो तो ‘चेति सकै तो चेति’ ही ऐसी पुस्तक हो सकती है। ओशो के कार्य पर अंतरंग व बेबाक वार्तालाप इसे अत्यंत रोचक बनाता है।
इस प्रवचनमाला में पूछे गए प्रश्न संदेह से उठे हैं और ओशो के उत्तर उसी संदेह से पार जाने के लिए हैं और हमारी चेतना को आंदोलित कर जाते हैं। ओशो की अंतर्दृष्टि आज हमें जिस तल पर ले आना चाहती है, इस पुस्तिका ने उसकी भूमि को बड़े ही दुस्साहसी ढंग से तैयार किया है। सेक्स ऊर्जा, इसके दमन, अभिव्यक्ति व रूपांतरण पर अप्रतिम संकलन।
सामग्री तालिका
अध्याय शीर्षक
#1: चिंतन की स्वतंत्रता
#2: प्राचीन से नवीन
#3: धर्म की क्रांति
#4: धर्म और चिंतन
#5: जीवन है द्वार
#6: खोलो नए ऊर्जा द्वार
#7: अश्लीलता : नैतिकता का फल
विवरण
जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अहमदाबाद एवं बड़ौदा में प्रश्नोत्तर सहित ओशो द्वारा दिए गए आठ प्रवचन
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