Anand Thu, 13/05/2021 - 07:15 am गीता-दर्शन कृष्ण जैसे व्यक्ति की करुणा अपरिसीम है। यह जानते हुए कि हम सुनकर भी नहीं समझ पाएंगे, हम देखकर भी नहीं समझ पाएंगे, फिर भी एक असंभव प्रयास कृष्ण जैसे लोग करते हैं। उनकी वजह से जिंदगी में थोड़ा नमक है, उनकी वजह से जिंदगी में थोड़ी रौनक है, जिन्होंने असंभव प्रयास किया।"—ओशोइस पुस्तक में गीता के छठे व सातवें अध्याय--आत्म-संयम-योग व ज्ञान-विज्ञान-योग- तथा विविध प्रश्नों व विषयों पर चर्चा है। कुछ विषय बिंदु: अंतर्यात्रा का विज्ञान योग का अंतर्विज्ञान दुख-सुख में अविचलित रहने की कला अदृश्य की खोज कार्य-कारण के जाल से मुक्ति सामग्री तालिका अध्याय शीर्षक अनुक्रम #1: अध्याय-6 कृष्ण का संन्यास, उत्सवपूर्ण संन्यास आसक्ति का सम्मोहन मालकियत की घोषणा ज्ञान विजय है ह्रदय की अंतर-गुफा अधिक जानकारी Publisher Divyansh Publication ISBN-13 978-93-84657-57-4 Reviews Select ratingGive it 1/5Give it 2/5Give it 3/5Give it 4/5Give it 5/5 Average: 5 (1 vote) Log in to post comments8 views