जगत तरैया भोर की
जगत तरैया भोर की
पूर्ण प्यास एक निमंत्रण है वर्षा तो होती है। वर्षा तो हुई। दया पर हुई, सहजो पर हुई, मीरा पर हुई। तुम पर क्यों न होगी? वर्षा तो हुई है, वर्षा फिर-फिर होगी। प्यास चाहिए--गहन प्यास चाहिए। तुम्हारी प्यास जिस दिन पूर्ण है, उसी पूर्ण प्यास से वर्षा हो जाती है। तुम्हारी पूर्ण प्यास ही वर्षा का मेघ बन जाती है। प्यास और मेघ अलग-अलग नहीं हैं। तुम्हारी पुकार ही जिस दिन पूर्ण होती है, प्राणपण से होती है, जिस दिन तुम सब दांव पर लगा देते हो अपनी पुकार में, कुछ बचा नहीं रखते--उसी दिन परमात्मा प्रकट हो जाता है।
ओशो
सामग्री तालिका
पूर्ण प्यास एक निमंत्रण है वर्षा तो होती है। वर्षा तो हुई। दया पर हुई, सहजो पर हुई, मीरा पर हुई। तुम पर क्यों न होगी? वर्षा तो हुई है, वर्षा फिर-फिर होगी। प्यास चाहिए--गहन प्यास चाहिए। तुम्हारी प्यास जिस दिन पूर्ण है, उसी पूर्ण प्यास से वर्षा हो जाती है। तुम्हारी पूर्ण प्यास ही वर्षा का मेघ बन जाती है। प्यास और मेघ अलग-अलग नहीं हैं। तुम्हारी पुकार ही जिस दिन पूर्ण होती है, प्राणपण से होती है, जिस दिन तुम सब दांव पर लगा देते हो अपनी पुकार में, कुछ बचा नहीं रखते--उसी दिन परमात्मा प्रकट हो जाता है।
ओशो
सामग्री तालिका
अध्याय शीर्षक
अनुक्रम
#1: प्रभु की दिशा में पहला कदम
#2: संसार—एक अनिवार्य यात्रा
#3: पूर्ण प्यास एक निमंत्रण है
#4: भक्ति—प्रेम की निर्धूम ज्योतिशिखा
#5: यह जीवन—एक सराय
#6: वादक, मैं हूं मुरली तेरी
#7: धर्म है कछुआ बनने की कला
#8: करने से न करने की दिशा
#9: महामिलन का द्वार—महामृत्यु
#10: मंदिर की सीढियाँ : प्रेम, प्रार्थना, परमात्मा
विवरण
दया वाणी पर प्रश्नोत्तर सहित पुणे में हुई प्रवचनमाला के अंतर्गत ओशो द्वारा दिए गए दस प्रवचन ....
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